हवाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जम्मू शहर में ब्लैक आउट, आज कई जगह बारिश

जम्मू

मंदिरों के शहर जम्मू में गुरूवार शाम काली घटाएं छाने के साथ चली हवाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। 70 किलोमीटर प्रति घंटे (34-40 नाट) की रफ्तार से चली हवा ने शहर व आसपास के इलाकों में कई पेड़ उखाड़ दिए। कई घरों और बाहर लगी टिन की छतें उड़ गईं वहीं पार्किंग में खड़े दोपहिया वाहन भी गिर गए। दिन में ही छाए अंधेरे के बीच बिजली गुल होने से ब्लैक आउट हो गया। तेज हवाओं के साथ शुरू बारिश देर शाम तक जारी रही। मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर के अनुसार शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। जम्मू में दोपहर 12 बजे के बाद हल्के बादल छाने लगे थे। शाम चार बजे काली घटाएं छा गईं। देखते-देखते घने बादलों से दिन में रात जैसा अंधेरा हो गया। सड़कों पर वाहनों को हेडलाइट जलानी पड़ीं। इस बीच तेज हवाएं चलने लगीं, जिससे जो यहां था वहीं ठहर गया। करीब एक घंटा तेज हवाएं चलती रहीं। इससे शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों पर टहनियां और पेड़ गिर पड़े। कई जगह बिजली के तार टूटकर गिर गए। इसके चलते देर रात तक कई इलाकों में बिजली बंद रही। जम्मू में 18.8 मिलीमीटर बारिश के साथ दिन का तापमान सामान्य से 2.5 डिग्री गिरकर 30.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। संभाग के अन्य जिलों में भी पारे में गिरावट आई है। श्री माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा में दिन का तापमान सामान्य से 2.8 डिग्री गिरकर 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कश्मीर घाटी में गुरुवार को स्थिति सामान्य होने के कुछ संकेत दिखे। श्रीनगर की सड़कों पर सुबह भीषण जाम की स्थिति रही और कुछ दुकानें भी खुलीं। अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के सरकार के निर्णय के बाद दो महीने से बंद स्कूलों को खोलने के प्रयास हालांकि अभी सफल नहीं हुए हैं क्योंकि बच्चे स्कूल जाने से परहेज कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि निजी वाहनों का आवागमन बढ़ने के चलते शहर के कई हिस्सों में जाम की स्थिति रही। उन्होंने कहा कि शहर में निजी वाहनों, ऑटो रिक्शा और एक जिले से दूसरे जिले तक जाने वाली कैब के आवागमन में वृद्धि के चलते अतिरिक्त यातायात कर्मियों की तैनाती करनी पड़ी। गुरुवार को शहर के मुख्य बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि कुछ दुकानें पूर्वाह्न ग्यारह बजे तक खुली रहीं। कश्मीर के मंडलायुक्त बसीर खान ने सोमवार को उपायुक्तों और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि घाटी के सभी सरकारी और निजी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुरुवार तक और महाविद्यालय नौ अक्टूबर तक या इससे पहले खुल जाएं। अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार विद्यालयों में परिस्थितियां सामान्य करने के पूरे प्रयास कर रही है, लेकिन अधिकतर अभिभावक सुरक्षा कारणों से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे। अधिकारियों ने कहा कि घाटी में कहीं प्रतिबंध नहीं हैं, लेकिन आतंक प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती की गयी है।

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